ऋषिकेश: उत्तराखंड में पर्यटन और स्थानीय परिवहन के लिए अहम मानी जाने वाली परियोजना, बजरंग सेतु का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद से स्थानीय लोग और पर्यटक बजरंग सेतु के निर्माण का इन्तजार कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, सेतु का केवल 10 प्रतिशत निर्माण कार्य बाकी रह गया है।
उत्तराखंड के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को जनपद टिहरी के नरेन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र में बजरंग सेतु का स्थलीय निरीक्षण किया। इस कांच के बजरंग सेतु का निर्माण 1929 में बने ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला पुल के निकट 68.86 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। बजरंग सेतु का स्पान लंबाई 132.30 मीटर है और इसका निर्माण आधुनिक और टिकाऊ कांच के तत्वों के साथ किया जा रहा है। गौरतलब हो कि लक्ष्मण झूला पुल जर्जर हो चुका था और उसकी सपोर्टिंग तारें टूट गई थीं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार के आदेश पर जुलाई 2019 में इसे बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से लोग बजरंग सेतु के बनने का इन्तजार कर रहे थे। अब जल्द ही इस बजरंग सेतु के निर्माण कार्य के पूरा होने की उम्मीद है।बजरंग सेतु के निर्माण का अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुका है और दोनों ओर पेंटिंग का काम भी तेजी से चल रहा है। पुल बनकर तैयार होने के बाद स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को आवागमन में महत्वपूर्ण सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत SASCI 2024-25 मद से विकसित हो रहे नरेन्द्रनगर विकासखंड के तपोवन क्षेत्र में लक्ष्मणझूला के डाउनस्ट्रीम स्थित सच्चाधाम घाट (गऊ घाट) और आस्था पथ का काम भी पूरा होने को है।इस परियोजना में घाट की लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 18 मीटर होगी, जबकि उससे जुड़ा आस्था पथ 300 मीटर लंबा और 7 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चेंजरूम, अप्रोच मार्ग, बेन्च और रेलिंग का निर्माण भी किया जाएगा। घाट और आस्था पथ पर पर्याप्त रोशनी के लिए विद्युत व्यवस्था और लाइट्स का काम भी किया जा रहा है।ग्राउंड रिपोर्ट देखने आये पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बजरंग सेतु का पूरा निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मानकों का पालन करते हुए ही कार्य को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि यदि कार्य योजना अनुसार पूरा होता है, तो जनवरी 2026 तक बजरंग सेतु स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के लिए खुल जाएगा।
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