देहरादून: उत्तराखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए उत्तराखंड सरकार द्वारा सेनेटरी नैपकिन पैड्स बांटने के आदेश जारी किए गए हैं। आंगनवाड़ी की कर्मचारियों ने आरोप लगाए हैं कि आंगनबाड़ी को सस्ते सैनिटरी नैपकिन पैड के पैकेट ऊंची कीमत पर बेचे जाने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन इन कीमतों पर लोग इसे लेने को तैयार नहीं है।
आंगनबाड़ी कर्मचारियों का कहना है कि है कि इन सेनेटरी नैपकिन पैड के पैकेट पर मैक्सिमम रिटेल प्राइस यानी कि एमआरपी ₹5 लिखी गई है। जिसे इससे पहले ₹1 प्रति पैकेट के कमीशन के साथ आंगनबाड़ी कर्मचारियों द्वारा बेचा जाता था। इन पैडों को अब 15 रुपए में बेचने के आदेशों के बाद आंगनवाड़ी की कर्मचारियों पर यह समस्या आन खड़ी हुई है कि वह कैसे अपने टारगेट पूरे करें। जबरदस्ती महंगे सेनेटरी पैड बेचने के आदेशों के पालन की दुविधा को सरकार तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी की महिला कर्मचारियों ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद वो वायरल हो रहा है।
नमक के बाद सिनेटरी पैड घोटाला ?
सोशल मीडिया पर विडियो पर कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लोग कह रहे हैं कि नमक के बाद ये अब सेनेटरी नैपकिन घोटाला है। उनका कहना है कि देश के अधिकांश राज्यों के स्कूलों और आंगनवाड़ियों में मुफ्त सेनेटरी नैपकिन बांटे जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखण्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से जबरदस्ती ऊंची कीमत पर घटिया सेनेटरी नैपकिन बिकवाए जा रहे हैं। जनता का कहना है कि ये भी बड़ा घोटाला हो सकता है। बालू मिले नमक की तरह इन सेनेटरी नैपकिन का सप्लायर भी कोई नेता का करीबी हो सकता है।
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