Breaking News

आज इन 9 जिलों में बारिश के आसार, बिजली चमकने और हवाएं चलने का येलो अलर्ट

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मी से फिलहाल राहत है लेकिन मैदानी क्षेत्रों में गर्मी ने लोगों को बेहाल किया हुआ है। मैदानी क्षेत्रों में तेज गर्मी से आंखों में होने वाली ड्राई आई की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 9 जिलों में बारिश की संभावना जताई है।

उत्तराखंड में इन दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों बादल छाए रहने और बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं मैदानी इलाकों में आंशिक बादल और तेज धूप के कारण उमस बढ़ गई है। साथ ही कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी भी चल रही है। शुक्रवार को देहरादून और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सुबह घने बादल छाए रहे और फिर तेज हवाओं के साथ दून में हल्की बारिश हुई। लेकिन दोपहर बाद आसमान साफ होने से अधिकांश क्षेत्रों में तेज धूप खिली, जिससे उमस बढ़ने लगी। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में आंशिक बादल छाने के साथ-साथ कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में आकाशीय बिजली और अंधड़ के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार आज 17 मई को प्रदेश के ज्यादातर पर्वतीय जिलों में आंशिक बादल छाने और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। आज उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत और अल्मोड़ा जिलों के कुछ क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। साथ ही इन जिलों में आकाशीय बिजली चमकने और 50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। आज देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में आंशिक बादल छाने के आसार हैं।
तापमान की स्थिति

बीते शुक्रवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नई टिहरी का अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर का अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

Check Also

उत्तराखंड आपदा-प्रभावितों को PM मोदी का 1200 करोड़ का पैकेज, मृतकों के परिजनों को विशेष मदद

देहरादून: आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण एवं राहत, बचाव व पुनर्वास कार्यों की समीक्षा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *