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उत्तराखंड: पंचायत चुनावों पर बरकरार रहेगी रोक, कोर्ट में इस कारण हुई धामी सरकार की किरकिरी।

देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर उत्तराखंड सरकार की किरकिरी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। इससे पहले पंचायत राज सचिव ने सरकारी वकील को एक तरह से हो रही देरी का जिम्मेदार ठहराया था। उत्तराखंड के पंचायत राज सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने मीडिया को बताया था कि सरकारी वकील की ओर से कोर्ट में सरकार की जारी की गई अधिसूचना की कॉपी जमा कराई गई, जबकि कोर्ट में जन सामान्य के लिए जारी होने वाले गजट नोटिफिकेशन की प्रति जमा करनी होती है।

पंचायती राज सचिव उत्तराखंड चंद्रेश यादव ने कहा कि कोर्ट को सरकारी वकील की ओर से गजट नोटिफिकेशन की प्रति जमा न होने के चलते कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दिया था। पंचायत राज सचिव यादव के मुताबिक केवल यही एक बिंदु था जिस पर कोर्ट ने स्टे दिया था। हालांकि इसके बाद पंचायत राज सचिव ने कहा था कि रुड़की प्रेस से सत्यापित गजट नोटिफिकेशन की प्रतियां छपवा कर नैनीताल हाई कोर्ट को भेज दी गई हैं और यह प्रति 24 जून को कोर्ट में पेश की जाएगी और न्यायालय से अपील की जाएगी की पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर लगे स्ट को हटा दिया जाए।

25 जून तक होगी यचिकाओं की सुनवाई
इसके बाद आज यानी 24 जून को धामी सरकार की ओर से यह नोटिफिकेशन हाई कोर्ट के सामने पेश किया गया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंड पीठ ने पंचायती चुनाव संबंधी सभी यचिकाओं की सुनवाई के लिए 25 जून तक समय रखा है। इसका मतलब साफ है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर फिलहाल रोक जारी रहेगी।

बरकरार रहेगी पंचायत चुनाव पर लगी रोक
उत्तराखंड पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि उत्तराखंड सरकार नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे को हटाकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन हाई कोर्ट के सामने पेश किया गया जिसकी बाद पंचायत चुनाव संबंधी सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए 25 जून 2025 दोपहर 2:00 का समय निर्धारित कर दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने फिलहाल पंचायत चुनाव पर लगी रोक को बरकरार रखा है।

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