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उत्तराखंड: धराली आपदा के वक्त आयोजित थी कथा, लापता लोगों का आंकड़ा 70 से ज्यादा होने की आशंका

उत्तरकाशी: धराली में आपदा के बाद हर तरफ तबाही के मंजर हैं। आसपास के गांवों में एक अजीब सा डर और दुख पसरा हुआ है। बारिश है कि रुकने का नाम नहीं ले रही, उत्तराखंड को आपदा के जो ये नए जख्म मिले हैं ये अगले कई समय तक एक बुरे सपने की तरह डरने वाले हैं।

उत्तराखंड इस समय बुरी तरह आपदा से जूझ रहा है। प्रशासन की रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरकाशी के धराली में अब तक चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है जबकि लगभग 70 लोगों की ढूंढ खोज की जा रही है। हालांकि असल आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। तबाही के इस भायांनक मंजर के प्रत्यक्षदर्शी मुखबा गांव के लोगों ने राज्य समीक्षा को बातचीत में बताया कि आपदा के समय धराली में एक कथा भी आयोजित की जा रही थी, जिसमें 70 से कहीं ज्यादा लोगों के होने की संभावना है। इसके साथ ही धराली में स्थित होटलों में आपदा के वक्त कई यात्रियों के भी ठहरने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा आर्मी कैंप भी बुरी तरह से तबाह हुआ है, इस सब के बाद यह आंकड़ा 70 से ऊपर जाने की दुखद आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि प्रशासन का आंकड़ा अब तक चार लोगों की मौत और 70 लोगों के लापता होने का बताया जा रहा है।
पाबौ-पैठाणी पुल धराशायी

इसके साथ ही उत्तरकाशी की यमुना घाटी और विशेष रूप से बड़कोट में भी भारी बारिश के कारण प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। पौड़ी गढ़वाल में राष्ट्रीय राजमार्ग 121 पर पौड़ी रामनगर हाईवे के बीच पाबो-पैठाणी पुल धराशाई हो गया है, लगातार बारिश के बाद कलगढ़ी नदी अपने रौद्र रूप में है। रुद्रप्रयाग की केदार घाटी में भी जमकर लगातार बारिश हो रही है और प्रथम केदार, द्वितीय केदार दोनों के मार्ग इस वक्त क्षतिग्रस्त हैं। मौसम विभाग ने 10 अगस्त तक उत्तराखंड में भारी बारिश के संकेत दिए हैं। राज्य समीक्षा की भी आप सभी लोगों से गुजारिश है कि भारी बारिश के इस मौसम में अगर जरूरी ना हो तो कहीं आने-जाने से बचें, सावधान रहें सुरक्षित रहें।

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