देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना को 25 साल पूरे होने पर इन दिनों रजत जयंती मनाई जा रही है। रजत जयंती के अवसर पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि राज्य के समग्र विकास, देवभूमि की संस्कृति, और डेमोग्राफिक संतुलन की सुरक्षा के लिए उनकी सरकार कड़े और निर्णायक फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी। प्रदेश में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों या आतंक फैलाने वाले किसी भी संस्थान को सरकार बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तराखंड में रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के अवसर पर विधानसभा के विशेष सत्र आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन अपने विस्तृत संबोधन के दौरान कहा कि राज्य के विकास के साथ-साथ देवभूमि की गरिमा और सुरक्षा उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि “नौ नवंबर 2000 को जब उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया था, तब से लेकर आज तक सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने तरीके से राज्य को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। हम सभी का लक्ष्य एक ही है, उत्तराखंड को विकास और समृद्धि के पथ पर अग्रसर करना।” इस अवसर पर उन्होंने राज्य आंदोलन के शहीदों, देवभूमि के देवी-देवताओं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड उनके बलिदानों और दूरदृष्टि से आज यहां तक पहुंचा है।
बर्दाश्त नहीं होंगी राष्ट्रविरोधी गतिविधि
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार ने हाल के वर्षों में जनसंख्या असंतुलन, अवैध धार्मिक स्थापनाओं, और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। राज्य की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।”
मुझे ‘मदरसा’ शब्द से कोई आपत्ति नहीं है
उन्होंने उल्लेख किया कि “मुझे ‘मदरसा’ शब्द से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन जिस भी संस्थान में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां या आतंक की फैक्ट्री चलती हो, उस पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं राष्ट्रवादी हूं, इसलिए ऐसे किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जा सकता।” उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार की नीति स्पष्ट है — “साफ नीयत, स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया” के साथ शासन चलाना। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आज न तो किसी घोटालेबाज को संरक्षण मिलता है, न किसी भ्रष्टाचारी को बख्शा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य उत्तराखंड को ऐसा राज्य बनाना है जो विकास और सांस्कृतिक विरासत दोनों में देश का उदाहरण बने,”।
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