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उत्तराखंड: मां की मौत के बाद पिता भी गिरफ्तार, तीन साल की मासूम को इस हाल में छोड़ गई पुलिस

हल्द्वानी: बनभूलपुरा में 3 साल की एक मासूम की मां का कुछ दिन पहले निधन के कुछ समय बाद पुलिस ने पिता को गिरफ्तार किया। प्रशासन की लापरवाही के कारण मासूम बच्ची पूरे दिन अकेले ही पिता का इंतजार करती रह गई। उसके बाद कुछ दिन पड़ोसियों ने उसकी देखभाल की अब जाके बच्ची को सामाजिक संस्था का संरक्षण मिल पाया है।

जानकरी के अनुसार बनभूलपुरा क्षेत्र की एक 3 वर्षीय बच्ची अपनी माँ की मौत के बाद से अपने पिता के साथ घर पर रह रही थी। बच्ची की माँ का कुछ समय पहले किसी बीमारी के कारण निधन हो गया था। उसके बाद से बच्ची की देखभाल उसके पिता कर रहे थे। बीते छह दिन पहले पुलिस ने बच्ची के पिता को मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया। पिता के जेल जाने के बाद उनकी तीन वर्षीय बिटिया घर पर अकेली ही रह गई। 3 साल की बच्ची एक पूरे दिन घर पर अकेले ही पिता का इंतजार करती रही। दूसरे दिन जब पड़ोसियों की पता लगा कि बच्ची घर पर अकेली है तो वे लोग उसे अपने घर ले गए। बच्ची छह दिन तक अलग-अलग पड़ोसियों के घर पर रही।
सामाजिक संस्था वीरांगना करेगी बच्ची की देखभाल

बीते बुधवार को पड़ोसियों को किसी ने आगाह किया कि प्रशासन को बिना सूचित किए वे बच्ची को अपने पास नहीं रख सकते। तब कुछ महिलाओं ने सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी के दफ्तर पहुंचकर मामले की सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी वर्षा सोनी को दी। सूचना प्राप्त होने के बाद, उन्होंने चाइल्डलाइन की टीम को भेजकर बच्ची को अपने संरक्षण में लिया। इसके बाद, बच्ची को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बच्ची का पिता जीवित होने के कारण उसे अनाथालय भी भेजा जा सकता था। इसीलिए समिति ने आदेश जारी करते हुए बच्ची के पालन-पोषण की जिम्मेदारी सामाजिक संस्था वीरांगना को सौंप दी। अब यह बच्ची इसी संस्था की सदस्यों के संरक्षण में रह रही है। वीरांगना संस्था की संचालिका गुंजन अरोरा के साथ बच्ची इस प्रकार घुल-मिल गई है कि वह उन्हें बुआ कहकर पुकारने लगी है। इसके अलावा, बच्ची गुंजन के पति को पापा कहकर बुलाने लगी।
पुलिस प्रशासन की लापरवाही

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, नियम है कि किसी भी आरोप की गिरफ्तारी की सूचना उसके परिवार वालों को दी जाती है। यदि परिजनों से फ़ोन के माध्यम से संपर्क नहीं हो पाता है तो, पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे गिरफ्तार व्यक्ति के घर जाकर इसकी सूचना परिजनों को डेम। पुलिस प्रशासन की लापहरवाही के कारण 3 साल की मासूम बच्ची घर पर अकेली ही रह गई।

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