देहरादून: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने आगामी 23 मार्च की मध्य रात्रि रात से 25 मार्च की मध्य रात्रि तक दो दिवसीय हड़ताल करने का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि हड़ताल के चलते राज्य में 4 दिन बैंक बंद रह सकते हैं।
देहरादून में आज मंगलवार, 18 मार्च को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। आपको बता दे कि 22 मार्च से चार दिन तक बैंक बंद रह सकते हैं, 22 और 23 मार्च को शनिवार और रविवार के कारण बैंक बंद रहेंगे। वहीं 24 और 25 मार्च की हड़ताल रहने के कारण बैंक बंद रहेंगे।
यूनियनों बैंको ने किया हड़ताल का आह्वान
प्रेस कॉन्फ्रेंस में UFBU के संयोजक और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन के अध्यक्ष इंद्र सिंह रावत ने जानकारी दी कि बैंक के कर्मचारी नौकरी की सुरक्षा, बैंक में अस्थायी नौकरियों की आउटसोर्सिंग को समाप्त करने, सभी श्रेणियों में पर्याप्त भर्ती करने और 5-दिन के कार्य सप्ताह जैसी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय ले रहे हैं। इसीलिए आगामी 24 और 25 मार्च को नौ प्रमुख बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है।
बैंकों में भर्ती की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बैंकों में भर्ती की आवश्यकता अत्यधिक है। बैंक सार्वजनिक सेवा के संस्थान हैं, जो हमारे देश के विशाल जनसंख्या को प्रतिदिन सेवाएं प्रदान करते हैं। इसलिए, ग्राहकों और आम जनता की सेवा के लिए बैंकों में पर्याप्त स्टाफ का होना अनिवार्य है। लेकिन पिछले एक दशक से अधिक समय से यह देखा जा रहा है कि बैंक अपने संस्थानों में आवश्यक संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करने में असफल रहे हैं।
प्रति सप्ताह फाइव डे बैंकिंग प्रणाली
अध्यक्ष इंद्र सिंह रावत ने बताया कि बैंकों में प्रति सप्ताह फाइव डे बैंकिंग प्रणाली को लागू करने में देरी की जा रही है। जैसे कि आरबीआई, बीमा कंपनियों और सरकारी कार्यालयों आदि में सप्ताह में 5 दिन ही कार्य किया जाता है। इसी तरह यूनियन बैंकों में भी प्रति सप्ताह 5 दिन काम करने की मांग की जा रही है। इसके अलावा इस हड़ताल में सभी शाखाओं में संतोषजनक ग्राहक सेवाएं सुनिश्चित करने, मौजूदा कर्मचारियों पर अनुचित कार्यभार को कम करने और पर्याप्त भर्तियों की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा।
आईडीबीआई बैंक में 51% इक्विटी पूंजी
उन्होंने बताया कि बैंकिंग के अनियंत्रित हालात के चलते, बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें जनता के हमलों या दुर्व्यवहार से बचाने के उपाय किए जाने चाहिए। सरकार को आईडीबीआई बैंक में कम से कम 51% इक्विटी पूंजी बनाए रखने की आवश्यकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों और अधिकारियों के निदेशक पदों को भरा जाना चाहिए। इसके अलावा, बैंकिंग क्षेत्र में अनुचित श्रम प्रथाओं को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए। इन सभी मांगों के लिए आगामी 23 मार्च की मध्य रात्रि रात से 25 मार्च की मध्य रात्रि तक दो दिवसीय हड़ताल करने का ऐलान किया गया है।