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चंपावत: बसंत ऋतु में शुरू होगा पूर्णागिरी मेला, इस बाल संस्कार के लिए देश दुनिया से आते हैं लोग

चम्पावत: उत्तराखंड के चंपावत ज़िले के टनकपुर में मां पूर्णागिरि मंदिर स्थित है. आगामी 15 मार्च से इस मंदिर में पूर्णागिरि मेला शुरू होने जा रहा है. ये मेला हर साल चैत्र माह की नवरात्री से जून महीने तक लगता है. देशभर के कई लोग इस मेले में आते हैं. पूर्णागिरि धाम में अगल-अलग राज्यों के कई बच्चों का मुंडन करवाया जाता है.

पूर्णागिरि मेले के आयोजन के लिए व्यवस्थाओं के संचालन की टेंडर प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। पूर्णागिरि धाम में बाल मुंडन की महत्वपूर्ण व्यवस्था का ई-टेंडर बीते 15 फरवरी को संपन्न हुआ। मुंडन की व्यवस्था का ई-टेंडर यह टेंडर टनकपुर की एक संस्था को आवंटित किया गया है। चम्पावत जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी और मेलाधिकारी तेज सिंह ने जानकारी दी है कि इस बार पूर्णागिरि मेले के दौरान बाल मुंडन व्यवस्था का टेंडर संस्था को 80 लाख रुपये में दिया गया है।
पूर्णागिरि मेले के बाल मुंडन के लिए टेंडर में 6 संस्थाओं ने भाग लिया था। चम्पावत जिला पंचायत द्वारा बाल मुंडन टेंडर की न्यूनतम राशि 65 लाख रुपये निर्धारित की गई थी। लेकिन ये टेंडर टनकपुर की एक संस्था को 80 लाख रुपये में दिया गया है। ई-टेंडर प्रक्रिया का संचालन उप कोषाधिकारी नंदन सिंह भाकुनी और जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता हिमांशु मठपाल की निगरानी में किया गया।

इससे पहले, बीते 14 फरवरी को बिजली और आवासीय सेवाओं के लिए टेंडर जारी किए गए थे. बिजली और आवासीय सेवाओं के टेंडर की निविदा हरिद्वार की एक संस्था को प्राप्त हुई है। मेलाधिकारी तेज सिंह ने बताया है कि अब इसके बाद पूर्णागिरि मेले में पार्किंग, टैक्सी संचालन और सफाई के लिए टेंडर जारी होना बाकी है. पार्किंग, टैक्सी संचालन और सफाई के लिए भी जल्द ही टेंडर जारी कर दिया जाएगा.

माना जाता है कि पूर्णागिरी धाम में बच्चे का मुंडन कराने से बच्चा बुद्धिमान होता है और उसकी आयु भी बढ़ती है। जिस कारण इस मेले हजारों बच्चों का मुंडन संस्कार किया जाता है. देशभर के कई लोग इस मेले में आते हैं. पूर्णागिरि धाम में आयोजित पूर्णागिरि मेले में अगल-अलग राज्यों के कई बच्चों का मुंडन करवाया जाता है. पूर्णागिरि धाम का मेला 15 मार्च से शुरू होकर 93 दिनों तक चलेगा। ये मेला हर साल चैत्र माह की नवरात्री से जून महीने तक लगता है.

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