उधमसिंह नगर: डॉक्टर ने बच्चेदानी में गांठ बताकर ऑपरेशन किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद दूसरी समस्यायें शुरू हो गई। राहत नहीं मिली तो महिला को रेफर किया गया। इसके बाद दूसरे डॉक्टर ने जांच में बताया कि महिला की मूत्र की कोशिकाएं कट चुकी हैं, जिससे उसकी जान पर खतरा बन गया था।
सितारगंज के ग्राम शहदौरा निवासी इकरार हुसैन ने न्यायालय सिविल जज/न्यायिक मजिस्ट्रेट सितारगंज में एक अर्जी दाखिल कर एसएच हॉस्पिटल गौरीखेड़ा की डॉक्टर रिशिका राजीव सिंह और प्रबंधक अनिल रावत पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी सकिरन को 18 नवंबर 2023 को पेट दर्द की शिकायत पर इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टर ने बच्चेदानी में गांठ बताकर ऑपरेशन किया, लेकिन ऑपरेशन के बाद महिला की पेशाब रुकने की समस्या शुरू हो गई। दोबारा दूरबीन से ऑपरेशन करने के बाद भी राहत नहीं मिली और अंततः महिला को अमर उजाला हॉस्पिटल काशीपुर रेफर किया गया। वहां डॉक्टर विभौरा अग्रवाल ने जांच में बताया कि महिला की मूत्र की कोशिकाएं कट चुकी हैं, जिससे उसकी जान पर खतरा बन गया था।
उल्टे पिटवाने की मिली धमकी
इकरार ने आरोप लगाया कि शिकायत के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उल्टा धमकी दी गई कि दोबारा अस्पताल आने पर पिटवाया जाएगा। पीड़ित ने थाना सितारगंज, एसएसपी, सीएमओ, डीआईजी व स्वास्थ्य मंत्री तक शिकायत की, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। थक-हारकर पीड़ित न्यायालय की शरण में पहुंचा और आरोपी डॉक्टर व प्रबंधक के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने की गुहार लगाई।
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