देहरादून: टिहरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) एसपी सेमवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे की पुष्टि उनके द्वारा राज्य के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को लिखे गए पत्र से हुई है। उन्होंने प्रमोशन न मिलने के कारण इस्तीफा दिया है।
जानकारी के अनुसार टिहरी गढ़वाल जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने निराश होकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में साफ तौर पर लिखा है कि वे लंबे समय से प्रमोशन की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन आठ महीने गुजर जाने के बावजूद उनको पद्दोनति नहीं मिल पाई है। फरवरी 2025 में उनका अपर निदेशक पद पर प्रमोशन होना तय था, मगर विभागीय प्रक्रियाओं की धीमी गति और लगातार उपेक्षा से निराश होकर उन्होंने पद छोड़ने का निर्णय लिया।
हर अर्हता पूरी करने के बावजूद हक नहीं मिला
उन्होंने पत्र में लिखा है कि “हर अर्हता पूरी करने के बावजूद मुझे हक नहीं मिला। बार-बार आश्वासन दिए गए, लेकिन प्रमोशन की फाइल आगे नहीं बढ़ी। इससे मानसिक पीड़ा और असंतोष पैदा हुआ, जिसके चलते मुझे इस्तीफा देना पड़ा।” एसपी सेमवाल का इस्तीफा शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या विभागीय प्रमोशन प्रणाली इतनी सुस्त है कि अधिकारी को पद छोड़ना पड़े? क्या शिक्षकों और अधिकारियों की लगातार बढ़ती नाराज़गी सरकार के लिए चुनौती बनेगी? आने वाले दिनों में इसका असर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और राजनीतिक माहौल दोनों पर देखने को मिल सकता है।
शिक्षकों का आंदोलन नहीं ले रहा रुकने का नाम
गौरतलब है कि इन दिनों उत्तराखंड में शिक्षक वर्ग भी आक्रोशित है। राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े करीब 25 हजार से ज्यादा शिक्षक आंदोलनरत हैं। उनकी तीन सूत्रीय प्रमुख मांगें हैं— प्रधानाचार्य पद पर सीधी भर्ती रद्द करना, प्रमोशन की राह खोलना और तबादला प्रक्रिया शुरू करना। आंदोलनकारी शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन के साथ ही शिक्षा मंत्री आवास घेराव की चेतावनी दी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री को अपने खून से लिखे 20 हजार पत्र भेजने की घोषणा भी की गई है। शिक्षक आंदोलन और अधिकारियों की नाराज़गी के बीच शिक्षा विभाग पर दबाव बढ़ता जा रहा है। माना जा रहा है कि आज होने वाली राज्य कैबिनेट बैठक में इस मसले पर चर्चा हो सकती है।
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