रुद्रप्रयाग: केदारनाथ हेलीकॉप्टर टिकट दिलाने के नाम पर सूरत के यात्री के साथ हुई ठगी के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में तीन उड़ीसा के हैं और एक बिहार का है।
जानकारी के अनुसार गुजरात के सूरत निवासी सूर्यप्रकाश मिश्रा ने बीते 7 जुलाई को थाना गुप्तकाशी में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर ब्राउज़िंग के दौरान उन्हें एक हेलीकॉप्टर कंपनी की वेबसाइट दिखाई दी। वेबसाइट पर दिए गए नंबर से उन्होंने व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया। बातचीत के दौरान 32 लोगों के लिए टिकट बुक करने का सौदा तय हुआ। सामने वाले व्यक्ति ने उन्हें बैंक अकाउंट नंबर देकर भुगतान करने को कहा। मिश्रा ने भरोसा करते हुए कुल 1,91,812 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। लेकिन भुगतान के बाद न तो उन्हें टिकट मिली और न ही आरोपी ने उनकी कोई कॉल रिसीव की। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
4 आरोपियों के साथ कई दस्तावेज बरामद
एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि पुलिस ने तकनीकी जांच और साइबर ट्रैकिंग के जरिए महीने में इस मामले का पर्दाफाश कर दिया। जांच में पता चला कि आरोपियों ने अलग-अलग बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 बैंक खाते, कई मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों को ओडिशा के मयूरगंज और मास्टरमाइंड को बिहार के नवादा से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में मास्टरमाइंड आकर्षण गुप्ता (18 वर्ष), बिहार निवासी है, इसके अलावा अनंत कुमार सिंह (25 वर्ष), सौभाग्य शेखर महतो (26 वर्ष) और दौलागोबिंदा बाघा ओडिशा के निवासी हैं।
इस तरह दिया गया ठगी को अंजाम
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मास्टरमाइंड आकर्षण गुप्ता ने व्हाट्सएप चैट और कॉल के जरिए पीड़ित सूर्यप्रकाश मिश्रा से बात की थी। आरोपी बातचीत के लिए व्हाट्सएप कॉल और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था ताकि उसकी लोकेशन ट्रैक न हो सके। आरोपी आकर्षण ने ठगी की रकम प्राप्त करने के लिए अनंत कुमार के नाम से जारी सिम, खाता और एटीएम का इस्तेमाल किया। पैसे खाते में आते ही उसने तुरंत नकदी निकाल ली। इसके बाद उसने रकम का बंटवारा किया—अनंत को 10 हजार रुपये, सौभाग्य को 15 हजार रुपये और दौलागोबिंदा को भी 15 हजार रुपये दिए और बाकी रकम खुद रख ली।
आपराधिक इतिहास की जाँच
एसपी कोंडे ने बताया कि पुलिस द्वारा इन आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि उन्होंने और कितने लोगों को इसी तरह ठगा है। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधों से बचाव के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध वेबसाइट पर भरोसा करने से पहले उसकी पूरी तरह से पुष्टि करनी चाहिए।
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