नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में तैनात राजस्व उप-निरीक्षक (पटवारी) प्रकाश चंद्र देवतल्ला को रिश्वत मांगने के आरोप में ज़िलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हाल ही में उनका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे रिश्वत की मांग कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार नैनीताल ज़िले में तैनात राजस्व उप-निरीक्षक (पटवारी) प्रकाश चंद्र देवतल्ला का एक ऑडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल ऑडियो में वे किसी से रिश्वत की मांग कर रहे हैं। पटवारी प्रकाश चंद्र देवतल्ला पर आरोप है कि वे भूमि का खसरा जारी करने में जानबूझकर देरी करते थे और लोगों से सरकारी कार्य निपटाने के लिए 25 से 50 हज़ार रुपये तक की रिश्वत मांगते थे। शिकायतों में यह भी कहा गया कि उन्होंने सरकारी कामकाज में लापरवाही और ढिलाई बरती, जिसके चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
पटवारी को किया गया निलंबित
जैसे ही ये मामला नैनीताल जिले की ज़िलाधिकारी वंदना सिंह चौहान के संज्ञान में आया उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। जिलाधिकारी नैनीताल के आदेश पर इस मामले की प्राथमिक जांच की गई, जिसमें ये सभी आरोप सही पाए गए। जिसके बाद बीते मंगलवार को डीएम के आदेश पर पटवारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया। साथ ही उन्हें तहसील खनस्यूं से सम्बद्ध कर दिया गया है। इसके अलावा डीएम ने इस मामले में विभागीय जांच शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में दोष सिद्ध होता है तो पटवारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों को सख्त हिदायत
जिलाधिकारी नैनीताल ने पूरे जनपद के सभी सरकारी कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी है कि वे अपने कार्य और आचरण में पूरी पारदर्शिता रखें तथा जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने आम नागरिकों से भी अपील की कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो इसकी तुरंत शिकायत जिला प्रशासन, संबंधित प्राधिकरण या टोल-फ्री नंबर 1064 पर दर्ज कराएं। आपको बता दें कि नैनीताल जिले में इससे पहले भी कई बार सरकारी कर्मचारियों पर रिश्वतखोरी के आरोप लग चुके हैं। इन मामलों में उत्तराखंड पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने कार्रवाई की है और कई कर्मचारी वर्तमान में जेल की सज़ा काट रहे हैं।
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