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उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन, का आज नवें दिन भी काली पट्टी बाध कर राजकीय काम-काज करते हुए सरकार और शासन के विरोध प्रदर्शन

आन्दोलन के द्वितीय चरण में आज नवें दिन दिनोंक 14.10.2025 उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन, शाखा मुख्यालय के अध्यक्ष जसवन्त खोलिया और शाखा मंत्री पिंकेश रावत के नेतृत्व में मुख्यालय के समस्त कर्मचारियों द्वारा साथ ही लक्ष्मी रोड़, देहरादून शाखा अध्यक्षा श्रीमती महिमा कुकरेती और शाख मंत्री निशा जुयाल के नेतृत्व में 10 सूत्रीय लंबित मांगो पर आतिथि तक लम्बित रहने के कारण काली पट्टी बाध कर राजकीय काम-काज करते हुए सरकार और शासन के सरंक्षणवादी रैवेये के प्रति विरोध व्यक्त किया। विरोध प्रदर्शन में प्रांतीय सलाहकार प्रान्तीय अध्यक्ष श्री जगमोहन नेगी जी. पूर्व अध्यक्ष श्री वीरी रावत प्रांतीय सलाहकार श्री मनमोहन नेगी जी. श्रीटीका राम सती, श्री बिरेन्द्र तोमर, श्री भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, श्री अनुज जैन, श्री आशीष चन्द्र., अनुराग असवाल, श्री अरविन्द्र चौहान, श्री अमित कोठारी, श्री दिपेन्द्र श्री रोजी सिंह, श्री मुकेश श्रीमती सतविंदर कौर श्रीमती, शीतल, श्रीमती ज्योति पटवाल इत्यादि उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड राज्य में कुल राजस्व प्राप्ति में राज्य कर विभाग स्वयं का राजस्व हिस्सा लगभग 50 प्रतिशत से अधिक होने के बावजूद भी राज्य कर विभाग में कर्मचारियों के संरचनात्मक ढाचे को वर्ष 2006-07 के बाद से अभी तक पुनर्गठन नहीं किया गया व इसके विपरीत राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड अधिकारी संवर्ग का वर्ष 2006-07,2014-15 एवं वर्ष 2024-25 तक तीन बार पुनः विभागीय संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन करते हुये अधिकारियों के ढाचें में 35 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए, 126 नये पदों को स्वीकृत करते हुये, वर्तमान मे राज्य कर विभाग में अधिकारी संवर्ग में कुल स्वीकृत 481 पदों/कार्यालयों स्वीकृत हो चुके है। जिसके सापेक्ष वर्तमान में कर्मचारियों की कुल स्वीकृत पदों की संख्या वर्ष 2006-07 से मात्र 777 पद ही है, जिसमें विगत 20 वर्षों से कोई वृद्धि नहीं हुयी है।

कर्मचारियों के नारजगी का मूल कारण यह भी है कि जो राज्य कर विभाग में सरकारी कार्यालयों के लिये पिरामिड हायर संरचना के बिल्कुल विपरीत स्थिति को प्रदर्शित कर रही है। सरकार व शासन द्वारा कर्मचारियों के ढांचे के पुनर्गठन पर पक्षपातपूर्ण, संरक्षणवादी रवैया बेहद खेदजनक है। कर्मचारियों का अंतिम बार ढांचा वर्ष 2006 में स्वीकृत हुआ था और विगत 20 वर्षों से अपने संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन के लिए संघर्षरत है। जबकि 01 जुलाई 2017 से जी०एस०टी लागू होने से पूर्व विभगा में कुल पंजीकृत व्यापरियों की संख्या लगभग 1 लाख के करीब थी जो कि जीएसटी लागू होने के पश्चात आज लगभग 2 लाख 13 हजार हो गयी है। पंजीकृत व्यापारियों की संख्या में वृद्धि के फलस्वरूप राज्य कर विभाग में कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दवाब बना हुआ है जिस कारण कार्मिक मानसिक रूप से परेशान है।

राज्य कर मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों की 10 सूत्रीय लंबित मांगों मुख्य रूप से कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन, राज्य कर अधिकारियों की नयी नियमावली बनाने, राज्य कर अधिकारियों की समय से पदोन्नति, परित्याग नियमावली (Forgo) से विभाग को अवमुक्त करने, कार्मिकों के आवास आदि माग सम्मिलित है। उपरोक्त समस्त कार्मिक हितों की मांगों पर दिनांक 16.10.2025 तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन मुख्यालय सहित सम्पूर्ण प्रदेश की शाखाओं में दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को सभी कार्यालयों में विरोध स्वरूप 11 बजे से 12 तक एक घण्टे गेट मीटिंग की जाएगी।

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