रुद्रप्रयाग: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) अगस्त्यमुनि में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी के कारण मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने 20 नवंबर से उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी देते हुए जिलाधिकारी (DM) को ज्ञापन सौंपा है।
जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जिले के स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सीएचसी अगस्त्यमुनि में पिछले चार महीनों से सर्जन, महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ (गाइनकोलॉजिस्ट), फिजीशियन (जनरल मेडिसिन) और बाल रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिशियन) के पद खाली हैं। यहां के विशेषज्ञ चिकित्सकों का स्थानांतरण काफी पहले हो चुका है, लेकिन अब तक उनकी जगह नया स्टाफ नहीं भेजा गया है।
“रेफरल सेंटर” बनकर रह गया सीएचसी
सीएचसी अगस्त्यमुनि की ओपीडी में हर दिन आस-पास के क्षेत्रों से 150 से 200 मरीज पहुंचते हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में इनका उपचार नहीं हो पाता है। जिस कारण मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। इससे सीएचसी अगस्त्यमुनि एक “रेफरल सेंटर” बनकर रह गया है। केदारघाटी की करीब 1.5 लाख की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। इस क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं, नवजात बच्चे और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज समय पर उपचार के अभाव में खतरे का सामना कर रहे हैं।
MLA ने दिलाया था भरोसा
बीते सितम्बर महीने में सीएचसी अगस्त्यमुनि में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए विशेषज्ञ शिविर आयोजित किया गया था। इस शिविर में शामिल हुई केदारनाथ विधानसभा की विधायक आशा नौटियाल ने भरोसा दिलाया था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी शीघ्र दूर होगी। अब अक्टूबर महीना भी पूरा होने वाला है, लेकिन अब तक चिकित्सकों की नियुक्ति की कोई सूचना नहीं है।
उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी
व्यापार मंडल अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह नेगी और प्रदेश मंत्री मोहन रौतेला ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से लोगों मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र गोस्वामी और सेवानिवृत्त संयुक्त शिक्षा निदेशक रमेश चमोला ने सीएचसी अगस्त्यमुनि में तत्काल बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, जनरल फिजीशियन और जनरल सर्जन की नियुक्ति की मांग उठाई है। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा तक इस अस्पताल में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई तो 20 नवंबर से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस आंदोलन को लेकर क्षेत्र की जनता का समर्थन भी तेजी से बढ़ रहा है। इस मौके पर नगर व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष विक्रम नेगी, त्रिभुवन बुटोला, हरीश गुसाईं सहित कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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