देहरादून: दून समृद्धि निधि लिमिटेड नामक माइक्रो फाइनेंस कंपनी के घोटाले का खुलासा होने के बाद कंपनी से जुड़े एजेंटों में हाहाकार मच गया है। बीते शनिवार को कंपनी से जुड़े 100 से अधिक एजेंट एसएसपी कार्यालय पहुंचे। इन लोगों एसएसपी से अपने तथा ग्राहकों के पैसों की वापसी के लिए न्याय की गुहार लगाई।
एजेंटों का कहना है कि उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में मेहनत कर कंपनी के लिए सदस्यों को जोड़ा और करोड़ों रुपये जमा करवाए। डोईवाला क्षेत्र से आई एक महिला एजेंट ने बताया कि उसने लगभग 8 करोड़ रुपये कंपनी में जमा करवाए, वहीं विकासनगर से आई एक अन्य एजेंट ने कहा कि उसने अपने क्षेत्र से एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि निवेश करवाई। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना नेहरू कॉलोनी में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
नीलम चौहान और जगमोहन चौहान हैं सरगना
पुलिस जांच के अनुसार साल 2022 में नीलम चौहान और जगमोहन चौहान नाम के दंपति ने मिलकर कंपनी की स्थापना की थी। इस कंपनी का कार्यालय दून विश्वविद्यालय रोड स्थित संस्कार एन्क्लेव में संचालित किया जा रहा था। कंपनी ने देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में 150 से अधिक एजेंटों की नियुक्ति की थी। इन एजेंटों के माध्यम से कंपनी ने करीब 1000 से अधिक ग्राहकों से करोड़ों रुपये की राशि जुटाई। ये कंपनी अपने ग्राहकों को दैनिक जमा योजना (Daily Deposit Scheme), फिक्स डिपॉजिट (FD) और रिकरिंग डिपॉजिट (RD) जैसे खातों की सुविधा देती थी। ग्राहकों को बताया जाता था कि कंपनी सरकारी बैंकों की तुलना में 8 से 12 प्रतिशत अधिक ब्याज दे रही है। लोगों ने भरोसा कर बड़ी संख्या में अपनी जमा पूंजी कंपनी में निवेश कर दी। शुरुआती में कंपनी ने समय पर ब्याज और रिफंड देकर विश्वास बनाए रखा, लेकिन धीरे-धीरे रिटर्न देना बंद कर दिया।
आठ खाते सीज
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस मामले में नीलम चौहान, जगमोहन चौहान, कमलेश बिल्जवान, कुसुम शर्मा, अनिल रावत और दीपिका सहित कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी की निदेशक नीलम चौहान और संस्थापक जगमोहन चौहान फिलहाल फरार हैं। जांच के दौरान कंपनी के आठ बैंक खाते चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस अब कंपनी के दस्तावेजों की जांच के साथ, फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। कंपनी में निवेश करने वाले सैकड़ों लोगों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने एजेंट्स और निवेशक दोनों को आश्वासन दिया है कि सभी पहलुओं की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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