उधमसिंह नगर: यहां घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार हुए दो कैदियों को अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया है।
दरअसल, 17 अक्टूबर 2013 को शक्तिनगर की निवासी मीनू ने थाना काशीपुर में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि रात करीब आठ बजे विजय नारंग, उनकी पत्नी सरिता नारंग, बेटी निशा नारंग और निखिल नारंग ने उनके घर में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया। इस हमले में उन्होंने मीनू के पति और रोहित के सिर पर तलवार से कई बार वार किए। उनके मोहल्ले वाले घायलों को अस्पताल ले गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.
मुकदमे के दौरान दो की मृत्यु
लेकिन इस मुकदमे की जांच के दौरान ही आरोपित विजय नारंग व सरिता नारंग की मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनकी बेटी निशा नारंग और निखिल नारंग के खिलाफ मुकदमा आगे चला. इस मामले में शिकायत कर्ता मीनू, डॉ. राजीव कुमार, राजू उर्फ राजेंद्र अरोड़ा, रोहित अरोड़ा व कांस्टेबल हिमांशु मठपाल द्वारा गवाई दी गई। इन गवाहों के बयानों के खिलाफ अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई व भारत भूषण ने बहस की।
निखिल और निशा हुए बाइज्जत बरी
बहस के दौरान वकीलों ने यह तर्क दिया कि पीड़ित पक्ष के बयान में असंगति है और डॉक्टर पुनः अपनी गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इससे मामला संदिग्ध प्रतीत होता है, क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट दर्ज करने के बाद यह मामला उत्पन्न हुआ, जबकि गवाहों ने पहले मेडिकल परीक्षण की बात की थी। वकील अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई और भारत भूषण के तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायालय ने निखिल नारंग और कुमारी निशा नारंग को बाइज्जत बरी कर दिया।