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उत्तराखंड: सरकारी सस्ते गल्ले के नमक पर बवाल, राशन दुकानों में छापेमारी.. सेंपलों की कड़ी जांच

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों सरकारी राशन वितरण प्रणाली सवालों के घेरे में है। कई जिलों से शिकायतें सामने आई हैं कि सस्ते गल्ले की दुकानों पर वितरित हो रहा नमक खराब गुणवत्ता का है और उसमें रेत और धूल मिली हुई है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस मामले में अधिकारियों द्वारा राशन की दुकानों में जांच शुरू कर नमक को टेस्टिंग के लिए प्रयोगशाला भेजा रहा है।
Raids in ration shops to check adulteration of salt

उत्तराखंड में “मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना” के तहत जून 2024 से शुरू हुई इस योजना के तहत एनएफएसए (NFSA) के राशन कार्ड धारकों को मात्र 8 रुपये प्रति किलो की दर से आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पैकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की तस्वीरें छपी हुई हैं। हाल ही में एक महिला का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने दावा किया कि उसे सरकारी सस्ते गल्ले से जो नमक मिल रहा है, उसमें रेत भरी हुई है। महिला ने नमक को पानी में घोलकर मिलावट को सबके सामने दिखाया। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला और देखते ही देखते यह मामला पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया। कई एनी उपभोक्ताओं ने भी इसी तरह की शिकायतें की है।
जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए नमक के सेंपल

वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में अधिकारियों को जाँच के निर्देश दिए। इसके बाद पूरे प्रदेश में हडकंप मच गया, अधिकारियों द्वारा जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। उप जिलाधिकारी याक्षी अरोड़ा के नेतृत्व में रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि और सिली बाजार में छापेमारी की गई। पांच दुकानों से नमक के पैकेट जांच के लिए सील कर देहरादून की प्रयोगशाला भेज दिए गए।
19 दुकानों पर एक साथ छापेमारी

देहरादून जिले में जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर सदर, चकराता, विकासनगर, मसूरी, डोईवाला और ऋषिकेश की कुल 19 दुकानों पर एक साथ छापेमारी हुई। टीमों ने नमक के नमूने इकट्ठे कर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जांच के लिए सौंपा। डीएम ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। डीएम सविन बंसल ने बताया है कि जिला प्रशासन द्वारा छापेमारी के दौरान इकट्ठे किए गए नमक के नमूनों को सैंपल जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेजे गए हैं। साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
निराधार हैं आरोप

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का कहना है कि ये आरोप निराधार हैं। विभाग के अनुसार नमक की आपूर्ति भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) कर रही है और इसकी गुणवत्ता की जांच पहले ही कई मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से कराई गई है। एनसीसीएफ ने रक्षा खाद्य एवं अनुसंधान प्रयोगशाला (मैसूर) और एनएबीएल मान्यता प्राप्त आईटीसी लैब्स से रिपोर्ट साझा की है। दोनों ही रिपोर्ट में नमक को एफएसएसएआई मानकों के अनुरूप पाया गया। इसके अलावा रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला ने भी नमक को अच्छी गुणवत्ता वाला बताया था। फिलहाल इस मामले में आगे की जाँच की जा रही है।

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